वनाग्नि की प्रभावी नियंत्रण एवं जनजागरूकता फैलाने के उद्देश्य से शुक्रवार को जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला की अध्यक्षता में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में न्याय पंचायत स्तर तक आपदा एवं वनाग्नि नियंत्रण पर जोर दिया गया।
जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्द्धन तथा वन संपदा को वन अग्नि से बचाने के लिए इसमें सभी की महत्वपूर्ण भूमिका है इस हेतु सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए आम जनमानस को जागरुक करें, ताकि वनाग्नि की घटना पर अंकुश लगाया जा सके। इसके लिए उन्होंने सभी की सहभागिता पर विशेष जोर दिया। उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि वह अपने क्षेत्रों में होने वाली वनागिन की घटनाओं पर नजर रखें, जिन क्षेत्रों में वनाग्नि की घटना अधिक घटित होती तथा जो संवेदनशील क्षेत्र हैं उनकी सूची भी उपलब्ध कराई जाए ताकि ऐेसे क्षेत्रों के लिए विशेष निगरानी रखने के लिए पर्याप्त कार्मिकों की तैनाती की जा सके। साथ ही जिलाधिकारी ने कहा कि जो गाँव सड़क मार्ग से दूर है ऐसे गाँव को चिन्हित कर लिया जाय तथा उन स्थानों पर न्याय पंचायत स्तर तक तैयारी एवं व्यवथा करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि वनाग्नि की प्रभावी रोकथाम के लिए न्याय पंचायत स्तर तक जनता के साथ सीधा समन्वय स्थापित करें और उनके सुझाव लिए जाय। ताकि वनाग्नि जैसी घटनाओं को लेकर त्वरित कार्यवाही की जा सकें।
बैठक में सीएचओ डॉ रजनीश सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी नरेंद्र शर्मा,जिला पंचायत राज अधिकारी सीपी सुयाल,जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल सहित अन्य अधिकारी एवं युनवाली से सम्बंधित अधिकारी वर्चुअल के माध्यम से जुड़े रहे।