रामलीला मैदान में अष्टोत्तरशत श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का आयोजन 23 से 29 अप्रैल तक होगा आयोजन

उत्तरकाशी

महर्षि वेद व्यास द्वारा रचित 18 पुराणों में श्रीमद्भागवत सबसे श्रेष्ठ एवं पवित्र पुराण है। इस पुराण में भगवान श्रीकृष्ण की अनेक लीलाओं और कथाओं का सुंदर वर्णन है। जन कल्याण हेतु भागवत का आयोजन व श्रवण ही हमारी प्रेरणा बनता है, ईश्वर की कृपा से यह धार्मिक आयोजन अष्टोत्तर श्रीमद्भागवत कथा महापुराण उत्तरकाशी नगरी में 23 अप्रैल 2024 से होने जा रहा है। अष्टादश महापुराण एवं अतिरूद्र महायज्ञ समिति के संयोजक प्रेम सिंह पंवार ने कहा कि शांति एवं सद्भावना के लिए भागवत महापुराण कथा का आयोजन सभी नगरवासियों के लिये परम वैभव व सौभाग्य की बात है। कथा का वाचन राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय संत परम श्रद्धेय डॉ. श्याम सुंदर पाराशर ‘भागवत कथा मर्मज्ञ’ अपनी दिव्य वाणी से करेंगे। अष्टादश महापुराण व अतिरूद्र महायज्ञ समिति के अध्यक्ष हरि सिंह राणा ने कहा कि इस दिव्य कथा के आयोजन में देव डोलियों के दर्शन भी नगरवासियों को एक ही जगह मिल सकेंगे व प्रतिदिन विशाल भंडारा का आयोजन भी किया जायेगा। हनुमान जयंती के अवसर पर कल हनुमान ध्वजा के साथ 22 अप्रैल को भव्य शोभायात्रा भी जनपद में निकाली जायेगी। यह महायज्ञ अभूतपूर्व व ऐतिहासिक होगा जिसमें मुख्य कथा व्यास के अलावा 108 स्थानीय व्यास मूल पारायण करेंगे। इस अवसर पर समिति के महामंत्री पंडित राम गोपाल पैन्यूली, सचिव नत्थी सिंह रावत, कोषाध्यक्ष जीतवर सिंह नेगी, उपाध्यक्षा श्रीमती प्रभावती गौड़, प्रताप सिंह पोखरियाल, रामकृष्ण नौटियाल, संतोषी ठाकुर, अनीता राणा, चन्द्र प्रकाश बहुगुणा सहित अनेकों पत्रकार व आयोजन समिति के सदस्य आदि उपस्थित थे।

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